Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
डेंगू, बंगाल दिवस और बीजेपी की राजनीति पर साधा निशाना
कोलकाता। बंगाल की राजनीति एक बार फिर गरमाई हुई है। राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में जगन्नाथ धाम के प्रसाद वितरण, डेंगू नियंत्रण और बंगाल दिवस की तारीख जैसे अहम विषयों पर तीखे और स्पष्ट बयान दिए। उन्होंने इन सभी मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी और राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस को आड़े हाथों लिया। दीघा स्थित जगन्नाथ मंदिर में सरकार द्वारा आयोजित भव्य रथयात्रा कार्यक्रम और प्रसाद वितरण को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए थे, जिन पर प्रतिक्रिया देते हुए हकीम ने तीखा जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि जगन्नाथ जी का प्रसाद नहीं लेने वाला व्यक्ति नास्तिक है। यह आस्था का विषय है, इसे राजनीतिक रंग देना शर्मनाक है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रसाद वितरण की व्यवस्था बिना किसी धर्म, जाति या राजनीतिक पहचान के भेदभाव के की है। फिर भी, शुभेंदु अधिकारी जैसे बीजेपी नेता इसे 'राजनीतिक हथियारÓ बना रहे हैं।हकीम ने यह भी कहा कि दीघा जगन्नाथ धाम का प्रसाद हर आम नागरिक के लिए है, और भाजपा जनभावनाओं को बांटने का काम कर रही है।
स्वास्थ्य से जुड़े मामलों पर बोलते हुए फिरहाद हकीम ने कहा कि कोलकाता समेत राज्य के शहरी क्षेत्रों में डेंगू का प्रभाव नियंत्रित हुआ है। लेकिन उन्होंने ग्रामीण इलाकों में डेंगू के बढ़ते प्रकोप पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू इसलिए फैल रहा है क्योंकि वहां लोगों में जागरूकता की कमी है। सरकार जागरूकता अभियान और सफाई व्यवस्था दोनों को मजबूत कर रही है। हकीम ने दावा किया कि नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलकर फॉगिंग, लार्वा नियंत्रण, नाले की सफाई, और घर-घर जांच अभियान चला रहे हैं। बंगाल दिवस को लेकर चल रही खींचतान भी इस प्रेस वार्ता का मुख्य केंद्र रही। विधानसभा में पारित विधेयक के अनुसार, बंगाल दिवस हर वर्ष पोइला बैशाख (बंगाली नववर्ष) को मनाया जाएगा। लेकिन राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस 20 जून को बंगाल दिवस मनाने की तैयारी में हैं, जिस पर हकीम ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि विधानसभा सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था है। जब बंगाल दिवस के लिए कानून बन चुका है, तो राज्यपाल किस अधिकार से 20 जून को अलग बंगाल दिवस मनाने पर तुले हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल जानबूझकर केंद्र की शह पर संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ रहे हैं।